जिला परिषद के माध्यम से जिला अनुसार थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती करने के फैसले ने जिले के हजारों अभ्यर्थियों को दूसरे जिलो में जाने को मजबूर कर दिया है। अब तक शिक्षक चयन परीक्षाओं में दबदबा बना चुका झुंझुनूं के अभ्यर्थियों के लिए यहां मुकाबला कड़ा होना है। पद के मुकाबले यहां १००० गुना ज्यादा दावेदार हैं।
अधिकांश शिक्षक भर्ती अब तक आरपीएससी के माध्यम से होती रही है। इनमें राज्य स्तर पर पद और मेरिट रहने के कारण जिले के युवाओं का दबदबा रहा। इस बार जिला स्तर पर पद आबंटित कर थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है। 41 हजार शिक्षकों के लिए होने वाली भर्ती में झुंझुनूं जिले को महज 20 पद मिले हैं। जिले में 20 हजार से अधिक आरटेट प्रमाण पत्र धारक हैं जो शिक्षक भर्ती के लिए काफी समय से तैयारी कर रहे हैं। जिले को मिले इतने कम पदों ने इनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। यदि जिला परिषद के माध्यम से भर्ती हुई तो जिले के हजारों युवाओं को उन जिलों की ओर रुख करना पड़ेगा जहां पद के मुकाबले अभ्यर्थी कम हैं।
इन जिलों में जा सकते हैं
जिले के शिक्षित बेरोजगार उन जिलो से आवेदन करेंगे जहां पद के मुकाबले आरटेट प्रमाण पत्र धारक कम हैं। मसलन प्रतापगढ़, जहां पद 1174 है, जबकि आरटेट अभ्यर्थी महज 794 हैं। इसी तरह जालौर में 1478 पदों के लिए भर्ती होगी, वहां आरटेट धारकों की संख्या 1 हजार 62 है। पाली में पदों की संख्या 2614 है तो वहां आरटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की तादाद 2751 है। इसी तरह बाड़मेर में 2832 पदों के लिए भर्ती होनी है वहां आरटेट उत्तीर्ण युवाओं की संख्या 1909 है। राजसमंद में दो हजार 72 पदों के लिए भर्ती होगी। वहां आरटेट उत्तीर्ण युवाओं की संख्या 2359 है। शिक्षा में जागरूक जिले के युवाओं को अब इन जिलों में जाकर नौकरी के लिए फाइट करनी पड़ेगी।आरपीएससी में रहा दबदबा
झुंझुनूं जिले के युवाओं का सरकारी नौकरियों में दबदबा रहा है। वर्ष 2005 में हुई थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में अकेले इस जिले के युवाओं ने कुल 35 हजार में 15 हजार से अधिक पदों पर कब्जा जमाते हुए छाप छोड़ी थी। इसी वर्ष सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती में भी 28 हजार पदों के मुकाबले यहां के 10 हजार से अधिक अभ्यर्थी चयनित हुए। इस बार भी आरपीएससी से भर्ती परीक्षा करके राज्य स्तर पर मेरिट बनती तो संभवत: जिले के हजारों युवाओं को चयन होता।
अधिकांश शिक्षक भर्ती अब तक आरपीएससी के माध्यम से होती रही है। इनमें राज्य स्तर पर पद और मेरिट रहने के कारण जिले के युवाओं का दबदबा रहा। इस बार जिला स्तर पर पद आबंटित कर थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है। 41 हजार शिक्षकों के लिए होने वाली भर्ती में झुंझुनूं जिले को महज 20 पद मिले हैं। जिले में 20 हजार से अधिक आरटेट प्रमाण पत्र धारक हैं जो शिक्षक भर्ती के लिए काफी समय से तैयारी कर रहे हैं। जिले को मिले इतने कम पदों ने इनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। यदि जिला परिषद के माध्यम से भर्ती हुई तो जिले के हजारों युवाओं को उन जिलों की ओर रुख करना पड़ेगा जहां पद के मुकाबले अभ्यर्थी कम हैं।
इन जिलों में जा सकते हैं
जिले के शिक्षित बेरोजगार उन जिलो से आवेदन करेंगे जहां पद के मुकाबले आरटेट प्रमाण पत्र धारक कम हैं। मसलन प्रतापगढ़, जहां पद 1174 है, जबकि आरटेट अभ्यर्थी महज 794 हैं। इसी तरह जालौर में 1478 पदों के लिए भर्ती होगी, वहां आरटेट धारकों की संख्या 1 हजार 62 है। पाली में पदों की संख्या 2614 है तो वहां आरटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की तादाद 2751 है। इसी तरह बाड़मेर में 2832 पदों के लिए भर्ती होनी है वहां आरटेट उत्तीर्ण युवाओं की संख्या 1909 है। राजसमंद में दो हजार 72 पदों के लिए भर्ती होगी। वहां आरटेट उत्तीर्ण युवाओं की संख्या 2359 है। शिक्षा में जागरूक जिले के युवाओं को अब इन जिलों में जाकर नौकरी के लिए फाइट करनी पड़ेगी।आरपीएससी में रहा दबदबा
झुंझुनूं जिले के युवाओं का सरकारी नौकरियों में दबदबा रहा है। वर्ष 2005 में हुई थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में अकेले इस जिले के युवाओं ने कुल 35 हजार में 15 हजार से अधिक पदों पर कब्जा जमाते हुए छाप छोड़ी थी। इसी वर्ष सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती में भी 28 हजार पदों के मुकाबले यहां के 10 हजार से अधिक अभ्यर्थी चयनित हुए। इस बार भी आरपीएससी से भर्ती परीक्षा करके राज्य स्तर पर मेरिट बनती तो संभवत: जिले के हजारों युवाओं को चयन होता।
source- bhaskar
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