Teacher in Rajasthan

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बैकलॉग के बीच भर्ती का भ्रमजाल!
 
बांसवाड़ा। जिला परिषद के माध्यम से अर्से के बाद हो रही तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बेरोजगारों के साथ बैकलॉग कोढ़ में खाज का काम कर रहा है। जनजाति क्षेत्र बांसवाड़ा जिले में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए कुल 560 पदों के लिए हो रही इस परीक्षा में अधिकांश पद बैकलॉग की जद में हैं। ऎसे में बेरोजगारों को निराशा हाथ लगने की आशंका है।

बांसवाड़ा में उप्रावि के लिए विषयवार कुल 101 पद हैं। इसमें से विज्ञान-गणित, सामाजिक अध्ययन, हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत विषय के 76 पद हैं। इसमें से 72 पद बैकलॉग से भरे जाएंगे, महज चार पदों के लिए हजारों सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी दम झोंकेंगे। इसके अलावा 6 पद विशेष शिक्षा के एवं 19 ऊर्दू विषय के हैं। कुल पदों में सामान्य के 21 एवं एसटी के 80 पद हैं।

प्रावि की यह गणित
प्राथमिक विद्यालय के कुल 459 पदों पर भर्ती होनी है। इसमें 187 पद बैकलॉग से एवं 18 पद विशेष शिक्षा के तहत भरे जाने है। शेष 264 पदों पर अभ्यर्थी भाग्य आजमाएंगे। कुल पदों में सामान्य वर्ग के 135, एससी के 13 एवं 311 पद एसटी वर्ग के हैं। ऎसे में भर्ती की दौड़ में टेट उत्तीर्ण 3950 अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक बनने की राह पथरीली दिखाई पड़ रही है।

यह भी बैकलॉग पर सवाल
बैकलॉग से आशय पुरानी नियुक्ति में रिक्त पदों पर वर्गवार अभ्यर्थियों को उन पदों के विरूद्ध नियुक्तियां दी जाती हंै। शिक्षा विभाग के जानकारों की मानें तो बैकलॉग तय समय के बाद समाप्त हो जाता है। आरपीएससी के माध्यम से अंतिम बार नियुक्ति 2007-08 में हुई थी, ऎसे में यदि इस दौरान बैकलॉग के पद रहे हैं तो वे नियमों के तहत अब समाप्त हो गए होंगे, लेकिन भर्ती के आंकड़ों में बैकलॉग के संकेत भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं। इसके अलावा विषयवार शिक्षकों की नियुक्तियां ही पहली बार हो रही हैं। ऎसे में विषयवार पदों में बैकलॉग कहां से आया यह भी यक्ष प्रश्न है। गौरतलब है कि जिले में कुल रिक्त 1200 पदों से आधे से भी कम पद परीक्षा के लिए स्वीकृत करने से अभ्यर्थी पहले से ही परेशान है।

source- patriak.comवरूण भट्ट

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